लौटने लगी है अपनी पुरानी राह पर टीवी इंडस्ट्री

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देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी की वजह से बड़ा असर पड़ा है। देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था जब कोरोना अपने चरम पर था । महामारी, लॉकडाउन और इंटरनेशनल ट्रेड रुक जाने से लंबे समय तक पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था रुक गई, लेकिन जैसे-जैसे अब लॉकडाउन में छूट दी गई, अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी। कोरोना वायरस  और लॉकडाउन के कारण पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था की चपेट में मीडिया इंडस्ट्री भी आई, लेकिन अब यह इंडस्ट्री भी पहले की तरह अपनी राह पर लौटने लगी है। दरअसल, ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के आंकड़ों से तो यही बात निकलकर सामने आई है।

गुरुवार को बार्क ने कहा कि टीवी पर विज्ञापनों की मात्रा बढ़ी है। इसके आंकड़ों पर नजर डालें तो टेलीविजन पर विज्ञापन जनवरी में करीब 23 प्रतिशत बढ़कर 13.3 करोड़ सेकेंड पर पहुंच गए, जबकि एक साल पहले इसी महीने पर टीवी विज्ञापन 10.8 करोड़ सेकेंड रहे थे।

बतौर बार्क कुछ क्षेत्र महामारी से अब भी प्रभावित हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि इस दौरान न्यूज चैनल्स आदि पर विज्ञापन 18 प्रतिशत बढ़कर 3.8 करोड़ सेकेंड पर पहुंच गए। हालांकि, बार्क ने अब टीआरपी आंकड़े प्रकाशित करना रोक दिया है।

उल्लेखनीय है कि महामारी से आर्थिक गतिविधियों में काफी गिरावट आई थी। इससे विज्ञापनों पर भी असर पड़ा था। महामारी के बीच ही शहर की पुलिस ने फर्जी टीआरपी घोटाले की जांच शुरू की। इसके बाद एजेंसी ने अस्थायी तौर पर दर्शकों के आंकड़ों का प्रकाशन रोक दिया है।

सबसे अधिक वृद्धि ज्ञापनों में बच्चों से जुड़े कार्यक्रमों में रही। आंकड़ों के अनुसार, बच्चों से जुड़े प्रोग्राम्स या चैनल्स में विज्ञापन 35 प्रतिशत बढ़कर 43 लाख सेकेंड पर पहुंच गई। इसके बाद संगीत कार्यक्रमों के लिए विज्ञापन 31 प्रतिशत बढ़कर 1.6 करोड़ सेकेंड पर पहुंच गए। मूवी चैनल्स के विज्ञापन 28 प्रतिशत बढ़कर 3.1 करोड़ सेकेंड पर पहुंच गए।

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