तीन भारतीय फोटो जर्नलिस्ट्स के छायाचित्रों का चयन आंद्रे स्टेनिन इंटरनेशनल प्रेस फोटो कांटेस्ट प्रदर्शनी के लिए किया गया

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मीडिया स्कैन रिपोर्ट

भारत के तीन फोटो जर्नलिस्ट्स शिबाशीष साहा , चन्दन खन्ना और राजेंद्र मोहन पांडेय के छायाचित्रों का चयन आंद्रे स्टेनिन इंटरनेशनल प्रेस फोटो कांटेस्ट प्रदर्शनी की अलग अलग श्रेणियों में किया गया हैं . इन छायाचित्रों का चयन 54 देशों के लगभग ३००० प्रतिभागियों के बीच से किया गया हैं। 

शिबाशीष साहा बंगाल से आते है और कई वैश्विक स्तर के फोटो कांटेस्ट जीत चुके हैं। उनके छाया चित्र एवरग्रीन स्माइल में बंगाली नववर्ष समारोह के बीच में एक बूढी औरत कैमरा देख शर्मा जाती है और मोर पंख से अपने चेहरे को छुपाने की कोशिश करती हैं। इस उम्र में भी ऐसी अदा दिल को छू जाती हैं।    

इसी प्रकार चन्दन खन्ना जो कि उत्तरी अमेरिका में AFP नाम  की न्यूज़ एजेंसी में काम करते हैं और सयुक्त राज्य अमेरिका के  फ्लोरिडा राज्य के  मियामी शहर में रहते है, ने कोविड महामारी के बाद कैटी टोबीयास नाम की 67 वर्ष की महिला की तस्वीर को खींचा है।   

वह अपने घर के आँगन को देख रही है।  फ्लोरिडा के अन्ना मारिया द्वीप में रहने वाली इस महिला ने अपने घर के आँगन को कोविड महामारी के स्मारक के रूप में तब्दील कर दिया और वह होने वाली हर मौत को श्रद्धांजलि देते हुए एक फीता बाँधा हैं। 

भारत के एक अन्य फोटोग्राफर राजेंद्र मोहन पांडेय, के छायाचित्र ‘क्रैकिंग द आइस’ जो कि कश्मीर के डल झील के जमे पानी को तोड़ने कि कवायत को दिखाता हैं, भी चर्चा का विषय रही। 

विश्व के कई शहरों से होती हुई यह अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी , 23फरवरी तक दिल्ली में प्रदर्शित की जाएगी 

नयी दिल्ली अब उन अंतर्राष्ट्रीय शहरों की सूची में शामिल हैं जहाँ वर्ष २०२२ के आंद्रे स्टेनिन प्रतियोगिता को जीतने वालों के छायाचित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।  यह अंतराष्ट्रीय स्तर का Exhibition Tour दुनिया के कई शहरों से होता हुआ दिल्ली आया है।   

भारत में नयी दिल्ली से पहले स्टेनिन कांटेस्ट इंटरनेशनल रोड शो  का प्रेटोरिया (दक्षिणी अफ्रीका) और शारजाह (सयुक्त अरब अमीरात) जैसे शहरों में आयोजित किया जा चुका हैं। विश्व के कई और देशों, में भी इस प्रदर्शनी को अंतराष्ट्रीय साझेदारों के सहयोग से आयोजित करने की योजना बनायीं जा रही हैं जिसमें कि मध्य-पूर्व एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया भी शामिल हैं।   

 रूस की जानी मानी न्यूज़ एजेंसी स्पूतनिक द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में भारत के कई युवा फोटो जर्नलिस्ट्स के उत्कृष्ट कार्यों को आल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स सोसाइटी की आर्ट्स गैलरी में जनता के लिए प्रदर्शित किया गया हैं।  यह प्रदर्शनी, जिसका उद्घाटन रूस के राजदूत श्री डेनिस अलीपोव और श्री अलेक्सांडर श्टोल जो कि इस वैश्विक स्तर की प्रदर्शनी के कार्यकारी निदेशक है, की गणमान्य उपस्तिथि में हुआ।    

रूस के राजदूत श्री डेनिस अलीपोव ने इस अवसर पर कहा कि मुझे आपके बीच आ कर बहुत ख़ुशी का अनुभव हो रहा हैं।  इस अवसर पर मुझे ज़्यादा बोलने की ज़रुरत नहीं है, क्यूंकि यहाँ पर प्रदर्शित हर एक तस्वीर अपने आप में एक लम्बी दास्तान सुनाती सी लगती हैं।  यह छायाचित्र छायाकार या फोटोग्राफर के अपने काम के प्रति समर्पण को दर्शाती हैं। यह तसवीरें हमें रचनात्मक या क्रिएटिव होने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।   

स्वर्गीय रूसी स्पेशल फोटोजोउर्नलिस्ट आंद्रे स्टेनिन, जिन्होंने अपने काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और उसके लिए अपनी जान भी गवा दी , को श्रद्धांजलि देते हुए रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि उन्होंने फोटोग्राफी सर्वोच्च मानकों को आदर्श मानते हुए काम किया और दुर्भाग्यवश पूर्ण समर्पण के साथ काम करते हुए अपनी जान गवा दी। उन्होंने आगे बताया कि उनको समर्पित इस प्रदर्शनी कि शुरुआत साल 2014 में हुई . 

यह रूस के एकमात्र मंच है जहा से विश्वस्तरीय फोटो जर्नलिस्ट्स का चयन किया जाता है और वैश्विक स्तर पर उभर कर आने और नाम कमाने का मौका दिया जाता हैं. इस प्रदर्शनी में भारत के साथ साथ दुनिया भर के देशों से युवा फोटो जर्नलिस्ट्स हिस्सा लेते हैं।    

रूस के राजदूत ने अपने वह उपस्थित सभा को सम्बोधित करते हुए आगे कहा, कि इस प्रदर्शनी में भारत के अलावा कई और देशों के युवा फोटो जर्नलिस्ट्स के कामों को प्रदर्शित किया गया है और हम उनकी रचनात्मक शैली के द्वारा वह देख पा रहे है जो शायद जो शायद हम आम ज़िन्दगी में न देख पाएं।  ये तसवीरें हमें अंतर्मन की गहराइयों में ले जाती हैं और हमें ज़िदगी की चुनौतियों का सामना करने कि प्रेरणा भी देती हैं, जो कि इस समय की मांग हैं।   

इस प्रदर्शनी में विश्व भर के युवा  छायाकारों ने अपने छाया चित्रों के द्वारा विभिन्न रस जैसे खूबसूरती, प्यार,नफरत, आपदा, मजबूरी, चुनौती इत्यादि को दिखा कर अपनी सोच के साथ जोड़ने की कोशिश की हैं। 

भारतीय फोटोजर्नलिस्ट्स की सराहना करते हुए उन्होंने कहा यहाँ के छायाकारों ने २०२२ में आयोजित इस प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन किया हैं।  *रूस के राजदूत ने विशेष तौर पर  भारत के तीन फोटो जर्नलिस्ट्स शिबाशीष साहा , चन्दन खन्ना और राजेंद्र मोहन पांडेय के छायाचित्रों की सराहना की*.  

साल २०२३ की लिए दिसंबर २२, २०२२, जो कि आंद्रे स्टेनिन का जन्मदिवस भी हैं, से प्रतियोगिता प्रविष्टियां आमंत्रित की गयी हैं। जो भी प्रतियोगी इस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते है, वो इस प्रतियोगिता की वेबसाइट रूसी में, अंग्रेजी में और चीनी में फरवरी 28, 2023 तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।   

आंद्रे स्टेनिन इंटरनेशनल प्रेस फोटो कांटेस्ट के बारें में 

आंद्रे स्टेनिन इंटरनेशनल प्रेस फोटो कांटेस्ट का आयोजन रोसिया सेगोदन्या मीडिया ग्रुप द्वारा रुस्सियन कमीशन फॉर UNESCO तववधान में आयोजित कराया जाता हैं।  इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवा फोटोग्राफर्स को प्रोत्साहित करना हैं और इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालना हैं।  यह प्रतियोगिता युवा फोटोग्राफर्स के लिए एक मंच हैं जहाँ प्रतिभाशाली युवा फोटोग्राफर्स अपनी खींची गयी तस्वीरों के द्वारा लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करते हैं।   

इस प्रतियोगिता के जनरल इनफार्मेशन पार्टनर्स VGTRK (आल रुस्सियन स्टेट टेलीविज़न एंड रेडियो ब्राडकास्टिंग कंपनी) और STOMRIM ऑनलाइन प्लेटफार्म (रूस), द रशियन कल्चर रशियन स्टेट TV चैनल (रूस), द मास्को 24 TV चैनल (रूस) हैं।    

इस प्रतियोगिता के अंतराष्ट्रीय मीडिया पार्टनर्स स्पुतनिक न्यूज़ एजेंसी और रेडियो इंटरनेशनल , RT इंटरनेशनल , इंडिपेंडेंट मीडिया होल्डिंग (साउथ अफ्रीका), ANA न्यूज़ एजेंसी (साउथ अफ्रीका), शंघाई यूनाइटेड मीडिया ग्रुप (SUMG ) (चीन), चाइना डेली वेबसाइट (चीन ), द पेपर वेबसाइट (China ) और अल मायादीन मीडिया नेटवर्क (लेबनान) हैं।   

इस कम्पटीशन के इंडस्ट्री पार्टनर्स यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स ऑफ़ रूस (रूस), द यंग जर्नलिस्ट्स (रूस), द रशियन फोटो फोटो पोर्टल (रूस) और Photo-study.ru हैं ।

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