सूचना प्रसारण मंत्री ने लोकसभा में TV रेटिंग्स सिस्टम को लेकर दिया जवाब

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.The Union Minister for Environment, Forest & Climate Change, Information & Broadcasting and Heavy Industries and Public Enterprise, Shri Prakash Javadekar holding a press conference on Cabinet Decisions, in New Delhi on October 21, 2020.

‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ इंडिया की कार्यप्रणाली मुंबई पुलिस द्वारा टीवी रेटिंग को लेकर किए गए खुलासे के बाद से जांच के घेरे में है। ऐसे में सूचना प्रसारण मंत्रालय तमाम कमियों को दूर करने के लिए टीवी रेटिंग्स की वर्तमान गाइडलाइंस का विश्लेषण कर रहा है।

सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा टीवी व्यूअरशिप/टीआरपी की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय समिति भी गठित की गई थी, जिसने पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।

प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पती की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में आईआईटी कानपुर में गणित व सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. शलभ, सी-डॉट के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर राजकुमार उपाध्याय और ‘सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी’ के प्रोफेसर पुलक घोष को मेंबर्स के तौर पर शामिल किया गया था।

लोकसभा में केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बारे में कहा, ‘मौजूदा गाइडलाइंस में ऑडियंस के मापन, पैनल चयन, प्लेटफॉर्म की गोपनीयता, डाटा विश्लेषण, पारदर्शिता और शिकायत निवारण तंत्र आदि के लिए कार्यप्रणाली जैसे प्रावधान हैं, जो देश में एक मजबूत, पारदर्शी और जवाबदेह रेटिंग प्रणाली के लिए आवश्यक हैं।’

लोकसभा में इस पूरे मामले को लेकर पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी समेत कई सांसदों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में जावड़ेकर का कहना था, ‘कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर वर्तमान गाइडलाइंस का विश्लेषण/ मूल्यांकन किया जा रहा है, ताकि यदि कोई कमी हो तो सामने आ सके और उसे दूर किया जा सके।’ इसके साथ ही जावड़ेकर का यह भी कहना था कि अक्टूबर 2020 के बाद पब्लिश कुछ न्यूज रिपोर्ट्स में टेलिविजन रेटिंग पॉइंट्स को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ने यह कहते हुए जवाब दिया था कि पैनल की पवित्रता बनाए रखने के लिए अनुशासनात्मक परिषद की कार्रवाई के अलावा उसने नमूनों के साथ छेड़छाड़ में शामिल लोगों के खिलाफ सक्रिय रूप से कार्रवाई की है और कई राज्यों में एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को वर्ष 2015 के बाद से टीआरपी में हेरफेर के बारे में कोई शिकायत मिली है और यदि हां, तो उस पर क्या कार्रवाई की गई है? जावड़ेकर ने जवाब दिया कि इस तरह की शिकायतों का कोई आंकड़ा तैयार नहीं किया गया है, हालांकि BARC से संबंधित शिकायतें आमतौर पर उचित कार्रवाई के लिए BARC को भेज दी जाती हैं।

जावड़ेकर के अनुसार, ‘पैनलों से छेड़छाड़ और हेरफेर को रोकने के उद्देश्य से एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही BARC द्वारा नियमित रूप से तमाम ऐसे कदम उठाए जाते हैं, जिससे सुनिश्चित हो सके कि व्यूअरशिप डाटा और इसकी रिपोर्टिंग यथासंभव सटीक और पारदर्शी हो।’

जावड़ेकर ने यह भी बताया कि हाल में हुए विवाद के मद्देनजर टीवी व्यूअरशिप/टीआरपी की समीक्षा के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पती की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसने तमाम सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

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